हमीरगढ़ (अल्लाउद्दीन मंसुरी) बुराई पर अच्छाई की विजय, पाप पर पुण्य की विजय, अत्याचार पर सदाचार की विजय, क्रोध पर दया की विजय का पर्व विजय दशमी पूरी धार्मिक आस्था और श्रद्धा के साथ मनाया गया।जगह-जगह बुराई के प्रतीक नगरपालिका द्वारा बनाये गए 40फिट रावण, 25फिट कुंभकरण, 25फिट मेघनाद के पुतलों का दहन किया गया।सोने की लंका को जलाया गया।इस दहन के साथ यह संदेश देने का प्रयास किया गया कि एक न एक दिन बुराई की हार जरूर होती है। चाहे वह कितनी भी ताकतवर क्यों न हो। यह संदेश समाज में फैला हुआ है लेकिन इसको मन में बसाने की जरूरत है। रावण का पुतला फूंकने का संदेश यह जाता है कि बुराई का पुतला जला दिया गया। लेकिन इससे कहीं ज्यादा जरूरी और सबसे ज्यादा जरूरी है कि मन के भीतर जो रावण का पुतला खड़ा है या बुराई बसी हुई है। उसको जलाया जाए चूंकि रावण दहन सभी देख रहे होते हैं तो यह भी समझना जरूरी है कि मन के भीतर के रावणी पुतले को नष्ट करना भी जरूरी है तभी तो समाज में संयमित और अनुशासित रहते हुए नैतिक गुणों के समावेश के साथ सभ्य नागरिक बना जा सकेगा।
रावण अत्यंत विद्वान था। ईश्वर की आराधना में उसकी बराबरी करने वाला कोई नहीं था। तीनों लोक में उसकी वीरता का डंका बजता था लेकिन उसको भी केवल और केवल उसके मन के भीतर बसे बुराई रूपी रावण के पुतले ने ही मतिभ्रष्ट की स्थिति तक पहुंचाया था। दशहरे को लेकर बव्च्चों में खासा उत्साह देखने को मिला। ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम ने लंकापति रावण का वध किया था। यह पर्व प्रेम, भाईचारा और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। श्री नृसिग मंदिर राम लीला मंडल ने रामलीला स्थल पर पूजा अर्चना कर झांकी निकाली और बानर सेना भगवान राम जी के रथ के साथ झांकी के रूप में मौज मंगरी ग्राउंड पहुंची! भगवान राम जी के रथ का स्वागत नगर पालिका अध्यक्ष रेखा परिहार अधिशासी अधिकारी अभिषेक शर्मा,एवं कई गणमान्य लोगों ने किया और पूजा अर्चना में शामिल हुए। श्री राम दिगान चौरसिया, लक्ष्मण हिमांशु छिपा एवं पवन पुत्र हनुमान शिवम छिपा पात्र बने! विधि विधान पूर्वक रावण को अग्नि दी गई! मौके पर थाना अधिकारी भंवर लाल चौधरी, रेवेन्यू इंस्पेक्टर भूपेंद्र सिंह,पटवारी अशोक कुमार मीणा, कनिष्ठ सहायक भूपेंद्र जैन, कनिष्ठ तकनीकी सहायक भावेश रेगर, पिंकेश पूरी, हेमंत पूरी कैलाश छिपा आदि सैकड़ो की संख्या मे शहरवासी उपस्थित रहे!